रेल सिगलनिंग
भारतीय रेलवे के लिए दक्षता के साथ-साथ सुरक्षा की एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। रेलटेल को उत्तर रेलवे के 26 स्टेशनों पर पुराने यांत्रिक सिगलनिंग प्रणाली को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिगलनिंग प्रणाली में बदलने की परियोजना सौंपी गई है।
नई इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिगलनिंग प्रणाली माउस के क्लिक से सिगनल को कम करने और ट्रैक बदलने में सक्षम होगी। पहले मैकेनिकल इंटरलॉकिंग सिस्टम में मानक 1 इंटरलॉकिंग था जिसमें अधिकतम 50 किमी. प्रति घंटे की गति होती थी। अब, आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली के साथ, इंटरलॉकिंग का मानक अधिकतम गति 110 किमी. प्रति घंटे के साथ कक्षा-II में बदल दिया गया है। इस प्रकार, आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली न केवल रेल यातायात की सुरक्षा और दक्षता में वृद्धि कर रही है बल्कि गति भी बढ़ा रही है।
